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कालिदास को धक्का देने का जरुरत किसको हैं?

  • Writer: chirajitpaul
    chirajitpaul
  • Aug 21, 2020
  • 1 min read

जाके खरे हो गए टुकड़े-टुकड़े के साथ

अर्बन नक्सल्स की तरफ बड़ा दिए हात

सेना के प्रतिबद्धता को लेकर आपके मन में प्रश् हैं

बटला हाउस के गद्दारों के लिए आँखों में अश्रु हैं

सच जानके भी बोले जन्मभूमि में नहीं हैं मंदिर का दाग

कानून का झूठे मतलब बताके लगाया साहीन बाग में आग

चीन के दल के साथ करके बैठे हैं समझौता

आपके शब्दों को राष्ट्रापुंज में पाकिस्तान हैं दौराता

बिन प्रमाण चौकीदार को चोर बता दिया

बिन मांगे पिता समान सम्मान दे दिया

सोचा की वह इससे जब्त हो जायेगा

सपना टूट, जुबान स्तब्ध हो जायेगा

आपका अभिमान हैं वह आपको गद्दार बुलाते हैं

देश भर में प्रचार करके आपको गलत बताते हैं

भला कालिदास को धक्का देने का जरुरत किसको हैं?

आत्मघाती को मारने में मजा किसको हैं

भाई, गिरेबान में झांककर देखिये तोह सही

देश आपको गद्दार बुलाते हैं किसीके कहने पर नहीं

यह उपाधि तोह आपने खुद प्राप्त किये हैं

अपने कर्मों से जनता का भरोसा समाप्त किये हैं

Picture courtesy: Yogesh Hardasani

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